इक कहानी जीवन के बारे में-
इक छोटा सा गांव था, जो नदी किनारे बसा हुआ था। उस गांव में एक गरीब किसान रहा करता था वह बचपन से ही बड़ा मेहनत काश था
मेहनत मजदूरी कर अपना पेट पालता था और बड़ा खुश था
अबकी बार उसने धान की खेती करने का पूरा मन बना लिया और उसके लिए उसने पूरी तयारी भी कर ली धान का बीज बाजार जाकर खरीद लाया , ट्रेक्टर वाले को बुलाया और खेत को अच्छे से जोता तथा पानी पटाया
और धान का भैण (धान का छोटा पौधा जो करीब 25-30 दिन का होता है ) रोपा।
रोपने के कुछ दिन बाद पानी दिया , तो उसमे छोटे -छोटे खरपतवार आ गए उसे साफ़ किया।
कुछ दिन बीतने के बाद फिर से पानी दिया , उसके साथ -साथ खाद भी दिया।
और इस तरह लगातार खाद पानी देते रहा।
फसल बड़ी अच्छी हुई उसे देखकर किसान बड़ा खुश हुआ। फसल अब धीरे -धीरे पक रही थी और देकते -ही -देखते फसल एकदम पूरी पक चुकी थी।
वह खेत देखकर आया अब उसने सोचा की कल से फसल को काटना सुरु कर दूंगा।
इसी बिच रात में इतनी -इतनी बारिश हुई की ,पूरी नदी भर गयी। बारिश भी नहीं रुक रही थी अब नदी का पानी एक बहुत बड़ा सैलाब बन गया था। उस सैलाब के रस्ते जो भी आया वह उसे बहाकर ले गया।
उस बेचारे किसान को उस फसल से बड़ी उम्मीदें थी , की इस बार फसल काटकर ,उसे बेचकर जो ऋण लिया था उसे चुकाएगा।
और जो पैसे बचेंगे उसमे से,कुछ से घर चलाऊंगा, और जो बचेगा उसे फिर अगली फसल में लगाऊंगा।
उसकी साडी उम्मीदे टूट गयी ऊपर से ऋण का बोझ , वह बड़ा निराश रहने लगा।
यह khabarindiativ.com से ली गयी |
तो साथियो हमारे लाइफ में कभी -कभी ऐसा सैलाब आता है जो हमारे द्वारा की गयी पूरी मेहनत को एक झटके में रौद कर चली जाती है उसे कोई फर्क नहीं पड़ता की उसके लिए आपने कितनी दिक्क्तों का सामना किया ,कितनी मेहनत की किन -किन बढ़ाओ का सामना किया .... कोई फर्क नहीं पड़ता।
कभी पूरी मेहनत करने के बाद भी हार ही हमारी झोली में गिरती है यह भी जीवन की एक सच्चाई है।
पर हमें टूटना नहीं चाहिए
क्युकी जीवन चलता रहता है , और सब कुछ ख़त्म हो जाने के बाद भी भविस्य (Future ) बचा रह जाता है।
जीवन उचित नहीं है ,इसे उचित बनाने के लिए इस्तेमाल करो ! Bill Gates
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